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04-12-18. Group discussion

अहंकार में अहंकार का प्रवेश करवाकर अहंकार को प्राप्त कर उसे पोषित करो। इतना कि अहंकार में घुल जाओ। जहाँ तुम्हारी प्रतीक्षा स्वयं ब्रह्म करता है ।
अहंकार क्या 1 तुम्हारा भौतिक शरीर। 2 तुम्हारा आंतरिक आकार। 3 तुम्हारा घमंड। 4 तुम्हारा वास्तविक आकार यणि आत्मा।


सोने के पहले माँ का सम्पुट पढ़ ले।
दुर्गा देवी नमातुभ्य सर्वाकामार्थ साधिके।
मम सिद्धिम सिद्धिम व स्वप्ने सर्व प्रदर्शय:।।
यदि विष्णु मन्त्र एक हफ्ते में असर न दिखाई तो बजरंग बाण संकल्प के साथ सुबद शाम 21 दिन पढ़े  या जब तक फायदा न हो पढ़ते रहे। संख्या अधिक होने में परहेज नही।
H
ॐ ऐं श्री अक्ष मालाय नमः
Aum
‌Aing Saraswathye Namah
Aum


माले माले महामाले सर्वतत्त्वस्वरुपिणी |
चतुर्वर्गस्त्वयि न्यस्तस्तस्मान्मे सिद्धिदा भव ||
 त्वं माले सर्वदेवानां सर्वसिद्धिप्रदा मता |
तेन सत्येन मे सिद्धिं देहि मातर्नमोऽस्तु ते |
त्वं मले सर्वदेवानां प्रीतिदा शुभदा भव |
शिवं कुरुष्व मे भद्रे यशो वीर्यं  सर्वदा
सर्वप्रथम अपने मंत्र को पढते हुये शरीर के पंच महाभूतो को नमन करने हेतु
मंत्र पढे और बोले इति श्री वसुन्धराय नम: (भुमि को नमन करे)
मंत्र -------- इति श्री जल तत्वम देवेभ्यो नम: (जल को स्पर्श कर नमन करे)
मंत्र --------- इति श्री पवन तत्वम देवेभ्यो नम: (एक बार लम्बी सांस ले और धीरे से छोडे, मन में नमन का भाव हो)
मंत्र --------- इति श्री अग्नि तत्वम देवेभ्यो नम: (एक बार लम्बी सांस ले और धीरे से छोडे, मन में नमन का भाव हो, पेट पर हाथ फेरते जाये)
मंत्र --------- इति श्री आकाश तत्वम देवेभ्यो नम: (ऊपर देखते हुये प्रणाम करें)
यह प्रार्थना इस लिये कि ध्यान में हमारे शरीर के पंच महाभूत सहायक हो और कोई विघ्न न उपस्थित करें।
ऊँ महाशकतै आराधयामि सा मे शक्ति प्रसीदतु।चानचलयँ मानसँ सथितिराँ उपनयतु,सथितिराँ उपनयतु, सथितिराँ उपनयतु।।धयान मे बैढने से पहले गयारह बार जाप से भगवती सहायक होती हैं।।जय गुरु देव 👏🏻👏🏻🙏🙏
सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥
जिन साधकों कि कुनडलीनी जागरूक हैं उनको हमेशा भगवती हम तुम्हारी शरण में है।हमारा कल्याण करो माता यह भाव रखना चाहिए।।जरा सा भी अहम रखने पर भगवती वापस लौट ने लगती हैं।।या देवी सरवभुतेषु शक्ति रुपेण सँसथिता,नमसतसयै नमनतसयै नमसतसयै नमो नमः।।जय गुरु देव🙏🙏



Hamare rishio ne is nirakar oorja ko bhi panch tatvo ke anusar pehchana he.
Shiv ji...prithvi tatv.
Durga ji.,.agni tatv.
Ganesh ji...JAL tatv.
Vishnu ji..vayu tatv.
Surya ji.. Aakash tatva.
Aur yeh bhi bataya ki hamare shareer me Jo tatva pardhan he ,oosi tatvaroopi shakti ki aradhna shreshth faldai hoti he.
[02/10, 11:47 a.m.] Sunilji: Detail of nakshtr and their tatva.

Prithvi tatva
DHANISHTHA
ROHINI
JYESHTHA
ANURADHA
SHRAVAN
ABHIJIT
UTTARASHADA
JAL TATVA
POORVASHADA
AASHLESHA
MOOLA
AADRA
REWATI
UTTARBHDRPADA
SHATBHISHA
AGNI TATVA
BHARINI
KRITIKA
PUSHYA
MAGHA
POORVA FALGUNI
POORVBHADRPADA
SWATI
VAYU TATVA
VISHAKHA
UTTRA FALGUNI
HASTA
CHITRA
PUNRAVASU ASHVANI
MRIGSHIRA
YEH JANM KE ANUSAR HE.
Agar aap is se ht Kr Kr rahe he to oosko chdna nhi oosi ke sath isko bhi add Kr le,aap ki adhytmic speed aur Tej ho jaye GI.

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