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घरेलू इलाज

लकवा की शिकायत बच 25 ग्राम सोंठ 10 ग्राम काला जीरा 10ग्राम पाउडर ब नाके  शहद में मिलाकर मटर के दाने से बड़ी गोली बनानी है 15-20 मिनट के बाद गरम दूध पी लें सुबह शाम खाने के बाद
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Gyan ki saat bhumika

ज्ञानकी सप्त भूमिकाएँ--   योगविद्या तत्वका सत्य ज्ञान प्राप्त करनेके लिये साधकको श्रीसद्गुरूका आश्रय लेना अनिवार्य है, क्योंकि वेदान्तशास्त्रके सिद्धान्तके सत्यरूपमें केवल सद्गुरु ही समझा सकते हैं, उनकी सहायताके बिना केवल मिथ्या भ्रान्तिमें पड़कर मनुष्य अवनतिको प्राप्त हो सकता है। इसी कारण दीर्घदर्शी तत्वज्ञानसम्पन्न शास्त्रकारोंने भी आज्ञा दी है। तद्विज्ञानार्थ स गुरुमेवाभिगच्छेत्।  अर्थात् शम दमादिसम्पन्न गुरुके समीप जाना चाहिये। शास्त्रका ज्ञान होनेपर भी ब्रह्मज्ञानकी मनमानी खोज नहीं करनी चाहिये। लौकिक विद्याकी सिद्धीके लिये भी जब गुरुकी आवस्यकता पड़ती है, तब ब्रह्मविद्याकी सिद्धीके लिये तो सद्गुरुकी निरतिशय आवस्यकता है, यह सुस्पष्ट है। क्योंकि जिसको जिस वस्तुका अधिकार प्राप्त होता है, उसीके लिये वह प्राप्त हुआ पदार्थ हितकारक होता है। अनधिकारी वेदान्तके मार्मिक रहस्यपूर्ण हेतुको नहीं समझ सकता, इसलिये ब्रह्मज्ञानकी प्राप्तिके लिये सद्गुरुकी आवस्यकता हमारे सारे शास्त्र मुक्तकण्ठसे स्वीकार करते हैं। ज्ञानकी सप्त भूमिकाएँ इस प्रकार है। (1) शुभेच्छा (2) विचारणा (3) तनुमानसा (4) सत्वाप

Vipulji ke btae niyam

कुछ नियम बनाये है। 1 हमेशा सहायता के लिए ततपर रहो। उंसक बदला न सोंचो न मांगो। 2 जिस कार्य मे तुम्हारा नुकसान नही परन्तु अन्य का फायदा हो कर दो। 3 कभी झूठ न बोलो। यदि तुम्हारी जान को माल को या जॉब को खतरा हो। वहाँ झूठ का सहारा मजबूरी में लो। 4 कभी क्या होगा चिंता मत करो। बस कर्म करो और भूल जाओ। 5 मस्त रहो। व्यस्त रहो। अस्त व्यस्त मत रहो।। 6 कभी खाली न बैठो। समय हो तो पढो नही तो मन्त्र जप करो। नहीं तो ध्यान करते हुए सो जाओ। 7 रात्रि सोने के पहले ईश की आरती अवश्य करो। चाहे कितनी रात क्यो न हो जाये। 8 अनावश्यक ज्ञानी गुरु प्रवचक महान बनने की भावना से दूर रहो। 9 हो सके तो प्रभु को समर्पित हो जाओ। 10 जो अंदर हो वो बाहर दिखो। नकली चेहरा चापलूसी से दूर रहो। यदि किसी का कल्याण हो तो उसे स्पष्ट बोल दो। पर अहंकारी को नहीं। 11 साधु संत गुरुओं और गेरुआ वस्त्र का सम्मान करो पर अंध भक्त न बनो। नकली भी हो सकता है। 12 स्वस्थ्य रहने हेतु नींद पूरी लो। 🙏🙏🙏🙏🙏

5-1-19

Sadguru Mera dholna...main saj saj vaari jau main saj saj vaari jau🙇‍♀🙇‍♀🙏🙏 Kal ek pal ke liye aesa laga Jaise wo bapuji se mile h Dono guru me kuch baat hui and mujhe kriya Fir sab shant Abhi tak to wo maun h... Unke aadesh Ka intezar h Guru kripa ko sashtang Naman 🙇‍♀🙇‍♀🙇‍♀🙇‍♀ koi soch BHI Nahi Sakta ki aesa BHI hi Sakta h......log vyarth hi sharir Ka bhed karte h🙏 Tumhare wali feel BHI AA gai......direct baat karlo na...kyu idhar udhar bhatakna h.......us din bole the tum.....ab arth samajh aya🙏 Sadguru Mera dholna...main saj saj vaari jau main saj saj vaari jau🙇‍♀🙇‍♀🙏🙏

04-12-18. Group discussion

अहंकार में अहंकार का प्रवेश करवाकर अहंकार को प्राप्त कर उसे पोषित करो। इतना कि अहंकार में घुल जाओ। जहाँ तुम्हारी प्रतीक्षा स्वयं ब्रह्म करता है । अहंकार क्या 1 तुम्हारा भौतिक शरीर। 2 तुम्हारा आंतरिक आकार। 3 तुम्हारा घमंड। 4 तुम्हारा वास्तविक आकार यणि आत्मा। सोने के पहले माँ का सम्पुट पढ़ ले। दुर्गा देवी नमातुभ्य सर्वाकामार्थ साधिके। मम सिद्धिम सिद्धिम व स्वप्ने सर्व प्रदर्शय:।। यदि विष्णु मन्त्र एक हफ्ते में असर न दिखाई तो बजरंग बाण संकल्प के साथ सुबद शाम 21 दिन पढ़े  या जब तक फायदा न हो पढ़ते रहे। संख्या अधिक होने में परहेज नही। H ‌ ॐ ऐं श्री अक्ष मालाय नमः Aum ‌Aing Saraswathye Namah ‌ Aum ‌ ‌ माले   माले   महामाले   सर्वतत्त्वस्वरुपिणी  | चतुर्वर्गस्त्वयि   न्यस्तस्तस्मान्मे   सिद्धिदा   भव  || ॐ   त्वं   माले   सर्वदेवानां   सर्वसिद्धिप्रदा   मता  | तेन   सत्येन   मे   सिद्धिं   देहि   मातर्नमोऽस्तु   ते  | त्वं   मले   सर्वदेवानां   प्रीतिदा   शुभदा   भव  | शिवं   कुरुष्व   मे   भद्रे   यशो   वीर्यं   च   सर्वदा https://freedhyan.blogspot.com/2018/04/bl

Practice part 3

भाग-3          मानव तन विज्ञान                 (  प्रेक्टीश )                    --गगनगीरीजी महाराज         जैसे हमने दुसरे भाग मे स्थूळ जगत की सिध्धिओ के बारे मे बात किया ये है प्रेक्टीश की थियरी सुक्ष्म जगत के लिए स्थायी है. स्थूळ जगत की सारी सिध्धियां ये कौनसे तरीके से हांसल होती है ये बात का दुसरे भाग मे चर्चा किया है तो अब ये तिसरे भाग मे सुक्ष्म जगत की सिध्धियां और अनुभव कैसे हांसल होता है ये बात हम करेंगे.                  जैसे स्थूळ जगत की सिध्धियां हांसल होती हैं वो ही तरीके से सुक्ष्म जगत की सिध्धियां हांसल होती है दोनो जगत मे तरीका एक ही है लेकिन सुक्ष्म जगत के लिए प्रेक्टीश का समय थोडा लंबा है और स्थूळ जगत की सिध्धियां के लिए प्रेक्टीश का समय पिरियड टुंका है ईतना तफावत है. आध्यात्मिक क्षेत्र के लिए परमात्मा तक पहुंचने के लिए परमात्मा का अनुभव करने के लिए योगक्रिया करनी पडती है. योगक्रिया मे तीन चीज को प्रेक्टीश के द्वारा आंतरिक मन की मेमरी मे मेमरी फीट करनी पडती है. (1):- आसन सिध्धि, (2):-दिर्घ प्राणायाम, (3):- आंतरिक नजर स्थिर करके ध्यान करना ये तीन चीजे जो भी मा

20-11-18

Radha sadho, guru sadho, sadho shiv ka naam Raam raam japte japte sadh jate  sab  kaam Teri hi aas me, Teri hi pyas me, firte dar badar Girte uthte, uthke girte, rage Teri Chan me is कदर Maut na aayi, na tu aya, virah ki vela me dil ghabraya Na jindagi maani, na maut Mani, bin tere  na koi kinara Preet ki reet  yahi, yaha sirf  tu h tere  बिना ना कोई सहारा